वेजाइनल यीस्ट इनफेक्शन जिसे कैंडिडिअसिस (candidiasis) के नाम से भी जाना जाता है, यह एक सामान्य संक्रमण है जो कैंडिडा नामक फंगस के अत्यधिक बढ़ जाने के कारण होता है, शरीर की प्रतिकूल परिस्थितियों में इसका संतुलन बिगड़ जाना संक्रमण का एक कारण बनता है।
अध्ययन के अनुसार 75% महिलाएं अपने जीवन काल में कम से कम एक बार इस इन्फेक्शन से प्रभावित होती है।
संक्रमण के प्रमुख लक्षणों में यानी में खुजली, जलन, सफेद गाढे स्राव का होना भी शामिल है उचित चिकित्सकीय सलाह से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है।
योनि यीस्ट संक्रमण(vaginal yeast infection)
यह एक फंगल संक्रमण है जो आपके शरीर में कैंडिडा एल्बिकांस (candida albicans) नामक एक प्रकार के यीस्ट के कारण होता है जो योनी संक्रमण का कारण बनता है कैंडिडा वजाइना में प्राकृतिक रूप से मौजूद रहता है जब यहां yeast आपके शरीर के संतुलन में होता है तो कोई समस्या नहीं होती है लेकिन जब भी इसका संतुलन बिगड़ जाता है तो यह तेजी से बढ़ता है और आपको यह संक्रमण हो सकता है इस संक्रमण में आपकी योनि के भारी हिस्से में जलन, खुजली, लालपन या योनी के स्राव में परिवर्तन कर सकता है।
योनि यीस्ट संक्रमण को यौन संचारित संक्रमण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है।
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योनि यीस्ट संक्रमण के लक्षण: (Symptoms of vaginal yeast infections)
1) खुजली और जलन :
सबसे सामान्य लक्षण है तेज खुजली और जलन। यह जलन विशेषकर पेशाब करने या सम्बन्ध बनाने क समय और बढ़ जाती है।
2) सफ़ेद और मोटा डिस्चार्ज:
एक और खास संकेत है गाढा, सफ़ेद और पनीर जैसा डिस्चार्ज, जिसमें आमतौर पर गन्ध नही होती हैं। यह इन्फेक्शन का साफ संकेत है।
3) सूजन और लालिमा:
वैजाइनल एरिया में सूजन, लालिमा और संवेदनशील भी इन्फेक्शन का संकेत दे सकती हैं जो अक्सर डिसकम्फर्ट पैदा करती हैं।
4) जलन का एहसास:
जलन के कारण वैजिनल में खुजली और जलन का एहसास हों सकता हैं, जो कभी-कभी सहन करना मुश्किल हों सकता हैं।
5) दर्द और असहजता:
कई बार यह इन्फेक्शन दर्द और असहजता का कारण भी बन सकता हैं, जिससे दिनभर सामान्य काम करने में दिक़्क़त होती हैं।
योनि यीस्ट संक्रमण के कारण (Causes of vaginal infection)
(1).बहुत ज्यादा एंटीबायोटिक लेना:
जब हम ज्यादा एंटीबायोटिक दवाइयां लेते हैं तो शरीर में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है इसके कारण योनी में yeast की मात्रा बढ़ने लगती है और संक्रमण देखने को मिलता है।
(2).शरीर में हार्मोन्स में बदलाव:
गर्भावस्था, पीरियड्स या हार्मोन्स की दवाइयां लेने से शरीर के हार्मोन में बदलाव आते हैं और इसका असर योनी पर भी पड़ता है और यीस्ट संक्रमण हो सकता है।
(3).मधुमेह (डायबिटीज):
अगर किसी को डायबिटीज है और उसका ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं है तो इस कारण संक्रमण को बढ़ने के लिए ज्यादा शुगर मिलती है जिसे संक्रमण हो सकता है।
(4).कमजोर इम्यून सिस्टम:
जब शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है जैसे एचआईवी या कैंसर के इलाज के दौरान तब भी यीस्ट संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।
(5).टाइट या सिंथेटिक कपड़े पहनना:
टाइट और सिंथेटिक कपड़े पहने से शरीर के उस हिस्से में गीलापन और ज्यादा नमी होने से यीस्ट के बढने के लिए अनुकूल वातावरण बनता है।
(6).नमी ज्यादा होना:
अगर योनी का हिस्सा ज्यादा देर तक गीला रहता है जैसे की गीले कपड़े पहने से तो यह आसानी से बढ़ सकता है।
(7).ज्यादा केमिकल वाले उत्पादों का इस्तेमाल:
यदि हम ज्यादा कठोर साबुन ,शैंपू, परफ्यूम वाले प्रोडक्ट से इस्तेमाल करते हैं तो योनी का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ सकता है और संक्रमण हो सकता है।
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योनि यीस्ट संक्रमण से बचाव के उपचार (Treatment of vaginal yeast infection)
यहां हम उन चिकित्सा उपचारों के बारे में बात करेंगे जो डॉक्टर आमतौर पर योनि संक्रमण के लिए बताते हैं।
(1).एंटीफंगल क्रीम और जैल:
डॉक्टर्स अक्सर क्रीम्स या जेैल को प्राथमिकता देते हैं जो सीधे योनी में लगाए जाते हैं यह क्रीम्स योनी में फंगल संक्रमण को खत्म करके आराम पहुंचती है।
उपयोग:
इसे डॉक्टर द्वारा बताए गए समय तक नियमित रूप से उपयोग करना चाहिए आमतौर पर 3 से 7 दिनों तक क्रीम प्रयोग करने से संक्रमण से राहत मिलती है।
प्रमुख दवाई:
- क्लोट्रिमाजोल (Clotrimazole)
- मिकोनजोल (miconazole)
(2).ओरल एंटीफंगल टैबलेट्स:
योनी संक्रमण ज्यादा गंभीर हो या बार-बार हो रहा हो तो डॉक्टर ओरल एंटी फंगल दवाई देते हैं इन्हें खाने से शरीर के अंदर के फंगस का इलाज किया जा सकता है। उपयोग: गोलियां डॉक्टर की सलाह के अनुसार एक या दो बार लेनी पड़ती है।
प्रमुख दवा:
- फ्लूकोनाजोल (fluconazole)
योंनी यीस्ट संक्रमण से बचाव के आसान उपाय:
महिलाओं में योनी का संक्रमण यानी की कैंडिडायसिस एक सामान्य समस्या है जो जलन और सहजता का कारण बन सकता है आसानी से रोकने के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय अपनाएं जा सकते हैं।
- साफ सफाई का ध्यान रखें योनी को साफ और सुखा रखना सबसे जरूरी है बाहरी हिस्से को हल्के गुनगुने पानी से साफ करें, खुशबूदार साबुन या केमिकल से बचे, क्योंकि यह संक्रमण बढा सकते हैं और आपकी योनि की त्वचा को इरिटेट कर सकते हैं।
- सूती कपड़े पहने, सूती अंडरवियर पहने, टाइट कपड़े पहने से बचे, क्योंकि यह नमी को रोकते हैं और यह संक्रमण का खतरा बड़ा सकते हैं।
- गीलापन ना रखें, व्यायाम के और तैराकी के बाद गिले कपड़े तुरंत बदले ,लंबे समय तक नमी में रहने से यह संक्रमण जल्दी फैलाता हैं।
- सही आहार लें ,संतुलित और पौष्टिक आहार में दही और प्रोबायोटिक्स का सेवन योनी में स्वस्थ बैक्टीरिया को बनाए रखने में मदद करता है जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
- शर्करा का सेवन कम करें ,ज्यादा चीनी खाना यीस्ट के बढ़ने का कारण बन सकता है इसलिए शर्करा और प्रोसेसस्ड खाने का सेवन न करे।
- ध्यानपूर्वक एंटीबायोटिक का प्रयोग करे, एंटीबायोटिक का अधिक अनावश्यक उपयोग होने से यह योनी के अच्छे बैक्टरिया के संतुलन को बिगाड़ सकता है और यह संक्रमण को जन्म दे सकता है केवल डॉक्टर के परामर्श से ही दवाये लें।
- सही सैनिटरी प्रोडक्ट्स का उपयोग करें ज्यादा खुशबूदार या केमिकल सैनिटरी नैपकिन ,टॉयलेट पेपर और टैम्पान के इस्तेमाल से बचे।
- तनाव को कम करें, ज्यादा तनाव से आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है जिससे योनी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है मेडिटेशन योग और पर्याप्त नींद तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
यीस्ट संक्रमण से बचाव के घरेलू उपाय:(home remedies for vaginal yeast infection)
पर्याप्त मात्रा में पानी पिए: पानी शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकलना में मदद करता है और योनी को हाइड्रेट भी रखता है जिससे संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।
- दही का इस्तेमाल:
दही में अच्छे बैक्टीरिया प्रोबायोटिक्स होते हैं। जो yeast संक्रमण को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
- नारियल का तेल:
नारियल तेल में एंटीफंगल गुण होते हैं तो संक्रमण से राहत दिलाने में मददगार होता हैं संक्रमित स्थान पर दो से तीन बार शुद्ध नारियल तेल लगाने से संक्रमण से राहत मिलती है ।
- सेब का सिरक्का:
सेब का सिरक्का यीस्ट के संक्रमण बढ़ने से रोकने में मदद करता है एक ग्लास गुनगुने पानी में दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर दिन में दो बार पिए।
- टी ट्री ऑयल:
टी ट्री ऑयल एक अच्छा एंटीफंगल तेल है लेकिन इसे सीधे इस्तेमाल करने से त्वचा में जलन हो सकती है इसीलिए इसे नारियल तेल में मिलाकर संक्रमण से प्रभावित स्थान पर लगाने से आराम आता है।
- बोरिक एसिड:
बोरिक एसिड कैप्सूल गंभीर यीस्ट संक्रमण में फायदेमंद हो सकता है इसे डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करना चाहिए।
Note: This article is for informational purposes only and is not a substitute for professional medical advice, diagnosis, or treatment. Always seek the advice of your physician or other qualified health provider (pharmacist) with any questions you may have regarding a medical condition.