Anorexia शब्द ग्रीक भाष के दो शब्दों से बना हुआ हैं। ,जिसमें “an”का मतलब हैं , न, बिना और “Orexia”-भूख, उपहास। ‘भूख न लगना’ के लिए चिकित्सीय शब्द Anorexia है। Anorexiaऔर Anorexia nervosa दो चीजें हैं। anorexia एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपको भूख नहीं लगती है लेकिन anorexia nervosa एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपको भूख तो लगती है लेकिन आप कुछ खाना खा नहीं रहे है। इन दोनों के कई कारण हो सकते हैं.
एनोरेक्सिया नर्वोसा किसी को भी हो सकता है लेकिन इसका ज्यादा प्रभाव कम उम्र की महिलाओं में देखा जाता है ,यह बीमारी पुरुषों में भी देखी जाती है लेकिन उनमें जो लक्षण होते हैं वह बहुत कम देखने को मिलते हैं।
एनोरेक्सिया आमतौर पर किशोरावस्था में शुरू होता है तथा 10 में से 4 मामलों मे यह 15 वर्ष से 19 वर्ष के बीच ज्यादा देखा जाता है।
आइए, समझते हैं ,एनोरेक्सिया नर्वोसा होता क्या है, इसके लक्षण क्या है और घर बैठे आप अपनी इस परेशानी से कैसे निकल सकते हैं ?
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एनोरेक्सिया क्या है ?-What is anorexia?
एनोरेक्सिया नर्वोसा जिसे अक्सर एनोरेक्सिया भी कहा जाता है यह यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें भूख नहीं लगती या खाना खाने की इच्छा ही नहीं होती हैं। जिसमें असामान्य रूप से शरीर का वजन बढ़ने का अत्यधिक डर और शरीर के वजन के प्रति गलत अवधारणाएं होने लगती हैं ।
एनोरेक्सिया के प्रकार (Types of anorexia) :
एनोरेक्सिया (anorexia) मुख्यतः दो प्रकार होते हैं :
1)-प्रतिबंधित एनोरेक्सिया ( restricting type )
- इस प्रकार के एनोरेक्सिया से पीड़ित लोग अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन की मात्रा को सीमित कर देते हैं।
- भोजन न करना या सीमित मात्रा में भोजन करते हैं।
- भोजन करने की इच्छा ही नहीं होती हैं।
- भोजन में बार-बार कैलोरी की गिनती करते हैं।
- भोजन का सेवन सीमित कर देना हैं।
2)-अत्यधिक खाने वाला एनोरेक्सिया (binge eating / purging type ):
- इस प्रकार के एनोरेक्सिया से पीड़ित लोग बहुत सारा खाना खाते हैं और यह देखा गया है कि ज्यादा भोजन करने के कारण व्यक्ति को जबरदस्त उल्टी करानी पड़ती है।
- laxatives या enema का दुरुपयोग करने लगते है ।
नोट: याद रहे ,यह व्यवहार शारीरिक और मानसिक रूप की अस्वस्थ हो सकता है और यहां तक की जानलेवा भी हो सकता है।
एनोरेक्सिया नर्वोसा के कारण (Causes of anorexia nervosa):
एनोरेक्सिया नर्वोसा के कारणों को अभी तक पूरी तरह नहीं समझा जा सकता है। हालाँकि, कुछ ऐसे कारक हैं जो इसको होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
अनुवांशिक कारण ( Genetic Causes ):
एनोरेक्सिया नर्वोसा माता-पिता से उनके बच्चों में स्थानांतरित हो सकता है और संभवतः इसका आधार आनुवंशिक हो सकता है।
सामाजिक कारण (Social causes):
इसका एक कारण मीडिया और सोशल मीडिया द्वारा दुबली-पतली छवि को बढ़ावा देना है। यह मुख्य रूप से युवा लोगों को प्रभावित करता है, क्योंकि किशोर अपनी सामाजिक छवि के प्रति अधिक संवेदनशील होते जा रहे हैं, जो आज की दुनिया में एनोरेक्सिया नर्वोसा का मुख्य कारण है।
पर्यावरणीय कारक (Environmental factors ):
जिसमें किशोरावस्था ( puberty) की शुरुआत, चुनौतीपूर्ण जीवन का अनुभव (Challenging life experiences) और रिश्तो से संबंधित (relationship related factors) समस्याएं भी एनोरेक्सिया एक कारण हो सकती हैं।
- कुछ लोगों के लिए, एनोरेक्सिया उनके जीवन के उन पहलुओं पर नियंत्रण पाने का एक साधन है, जो उनके नियंत्रण से बाहर हैं।
- उनकी शारीरिक बनावट उनके आत्म-सम्मान के पूरे स्तर पर प्रभाव डाल सकती है। चिंता और अन्य मनोवैज्ञानिक कारण भी एनोरेक्सिया के विकास में योगदान दे सकते हैं।
एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्षण (Symptoms of anorexia nervosa):
(1) शारीरिक संकेत (Physical sings):
- कब्ज का होना (constipation)
- पेट का फूलना (bloating)
- थका हुआ महसूस करना (fatigue)
- अच्छी नींद का न आन
- कम ऊर्जा का महसूस होना (low energy)
- आँखों का धंसा हुआ और पीलापन होना
- मासिक धर्म( menstrual cycle) का रुक जाना (amenorrhea)
- पुरुषों में कामेच्छा में कमी या टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी
- गरम मौसम होने पर भी ठंड का लगाना
(2) मनोवैज्ञानिक संकेत (psychological signs):
- खान-पान, भोजन, शरीर के आकार और वजन के प्रति चिंता।
- शारीरिक बनावट से अत्यधिक असंतुष्ट होना।
- अपने शरीर और वजन के बारे में तर्कहीन धारणाएँ।
- भोजन करते समय चिंतित रहना।
- चिड़चिड़ा या गुप्त रूप से रहना।
- वजन बढ़ने का डर रहना।
- हमेशा अवसाद(depression) और चिंता (anxiety) का अनुभव करना।
- नींद और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का होना।
- भोजन के बारे में कठोर विचार रखना।
- आत्मसम्मान की कमी.
(3) व्यवहारिक संकेत ( Behavioral Signs ) :
- परहेज करना ( कैलोरी गिनना ,खाद्य पदार्थो से परहेज करना )
- जानबूझकर उल्टी करना
- भूख कम करने वाली दवाओ का सेवन
- शरीर के वजन या आकर को लेकर जुनूनी व्यवहार (Intense behavior)
- बार-बार वजन तोलना।
- कमर या कलाई पर दबाव डाला
- ठूंस-ठूंस कर खाना खाना
- अन्य लोगों के साथ भोजन करने से बचना
- अकेले रहना
- अत्यधिक व्यायाम का करना
- मादक द्रव्यों का सेवन करना
एनोरेक्सिया नर्वोसा के परिणाम (Consequences of Anorexia Nervosa)
- खून की कमी (Anemia)
- आंत सम्बन्धी समस्याएं
- इम्युनिटी सम्बधित समस्याएं (low immunity)
- अनियमित दिल की धड़कन (irregular heartbeat) या अन्य दिल सम्बधित समस्याएं
- ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) और हड्डियों की समस्याएं
- किडनी सम्बंधित समस्याओं का होना
- बीपी का कम होना।
- हॉर्मोन्स से सम्बन्धित समस्या।
एनोरेक्सिया नर्वोसा का इलाज कैसे किया जाता है? (How is anorexia nervosa treated?)
भले ही आपको यह बीमारी लंबे समय से क्यों ना हो तब भी आप पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। इससे उबरना थोड़ा मुश्किल और इसमें कुछ समय भी लग सकता है। हालांकि, उचित चिकित्सा देखभाल और स्वस्थ खाने-पीने की आदतों से आप इससे जल्द से जल्द उबर सकते हैं।
एनोरेक्सिया नर्वोसा के इलाज में क्या-क्या सहायक हो सकता है?
(1)–मनोविज्ञानिक (psychologist) या मनोचिकित्सक
मनोवैज्ञानिक से परामर्श करने से एनोरेक्सिया नर्वोसा की अवधि और गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है। एनोरेक्सिया नर्वोसा पीड़ित से लोगों के लिए आमतौर पर पहला सुझाया जाने वाला उपचार संवर्धित संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT-E) है।
(2)समूह और पारिवारिक (group and family Therapy )
एनोरेक्सिया के उपचार के लिए परिवार के मजबूत समर्थन की आवश्यकता होती है। परिवार के सदस्यों को खाने के विकार को समझना चाहिए और इसके संकेतों और लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। समूह चिकित्सा एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित लोगों की मदद कर सकती है। इस चिकित्सा में, एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित व्यक्ति को उसी स्थिति से पीड़ित दूसरे व्यक्ति से बात करने के लिए कहा जाता है ताकि वे बीमारी के साथ अपने अनुभव साझा कर सकें, एक-दूसरे से प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें और अपनी भावनाओं और चिंताओं को खुलकर व्यक्त कर सकें।
(3)दवाएं (medication) :
एनोरेक्सिया के उपचार के दौरान, खाने के विकारों के इलाज के साथ आने वाली चिंता(anxiety) और अवसाद(depression) से निपटने के लिए व्यक्ति को अवसादरोधी(antidepressants) दवाएँ दी जा सकती हैं। ये आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकते हैं। कुछ अवसादरोधी(antidepressants) नींद बढ़ाते हैं और मूड में उतार-चढ़ाव को कम करते हैं।
(4)अस्पताल में भर्ती (hospitalization)
गंभीर रूप से वजन में कमी होने की स्थिति में इलाज के दौरान मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है इसके अलावा कुपोषण और अन्य गंभीर मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे की हृदय रोग गंभीर डिप्रेशन आत्महत्या का खतरा होने की स्थिति में इलाज के दौरान भी अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है
(5)परिवार आधारित चिकित्सा ( family based therapy )
यह आमतौर पर बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए पहली सलाह है। जोकि आपको एक स्वस्थ वजन पाने में और उसे बनाये रखने मे मदद करते हैं। यदि आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको एनोरेक्सिया है, तो आपको मनोचिकित्सक( psychiatrist ) और आहार विशेषज्ञ(dietitian) दोनों से चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट से एकत्रित जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है।