Constipation causes and treatment in Hindi
कब्ज क्या है?
कब्ज शब्द का प्रयोग ऐसी स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है जिसमें मल त्याग करने कठिनाई होती है। कब्ज के कारण मल कठोर या सूखा हो जाता है, जो व्यक्ति के लिए और अधिक समस्याओं का कारण बनता है। हर किसी को कब्ज का अनुभव अलग-अलग तरह से होता है।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या होती है और उनकी मल त्याग प्रक्रिया पूरी होने में अधिक समय लगता है। रोजाना मल त्याग करना जरूरी है, हालांकि ज्यादातर लोगों का मल त्याग अनियमित होता है, जिससे पेट में कब्ज की समस्या हो जाती है। इसके अलावा, मतली, उल्टी और पेट में भारीपन जैसी समस्याएं कब्ज के कारण हो सकती हैं। नतीजतन, आप आज इस पोस्ट में कब्ज की उत्पत्ति, संकेत और घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे।
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कब्ज के कारण क्या हो सकते हैं?– causes of constipation in Hindi
आमतौर पर पेट में कब्ज कई कारणों से होता है। कब्ज होने के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं;-
- पर्याप्त पानी न पीने या फाइबर युक्त भोजन शामिल न करने से कब्ज की समस्या हो सकती है।
- डेयरी उत्पादों का अत्यधिक मात्रा में के सेवन करने से कब्ज की समस्या हो सकती हैं।
- शारीरिक व्यायाम न करने से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- अत्यधिक तनाव एवं कुछ विशेष दवाओं जैसे ओपिओइड (opioids), दर्द निवारक (painkillers) और आयरन की गोलियों का उपयोग, सभी कब्ज का कारण बन सकते हैं।
- कब्ज का एक मुख्य कारण लंबे समय तक खाली पेट रहना और बासी खाना या फास्ट फूड का सेवन करना भी हो सकता है।
- पाचन तंत्र की मांसपेशियों और तंत्रिकाओं में किसी भी समस्या के परिणामस्वरूप कब्ज हो सकती है।
- गर्भावस्था भी कब्ज का कारण बन सकती है।
- अच्छी नींद न लेना और पर्याप्त तरल पदार्थों का सेवन न करना कब्ज का कारण बनता है।
- कोलन कैंसर (Colon cancer), पार्किंसंस (Parkinson’s) और हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) जैसे तंत्रिका (neurological) संबंधी विकार भी कब्ज का कारण बन सकते हैं।
कब्ज के लक्षण क्या हैं? – symptoms of constipation in Hindi
कब्ज कई अन्य समस्याओं का कारण बनता है। इस स्थिति के प्राथमिक लक्षणों में से एक है सख्त मल या मल त्याग करने में परेशानी होना। इसके अलावा, कब्ज के दौरान निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न होते हैं:
- पेट अच्छी तरह से साफ न होना (Indigestion)
- रोजाना मल त्याग न हो पाना
- मल करने के दौरान ताकत लगाने की जरूरत पड़ना
- सप्ताह में तीन से कम बार मल त्यागना
- पेट में दर्द होना
- घबराहट होना
- जी मिचलाना
- पेट में ऐंठन की समस्या उत्पन्न होना
- पेट फूलना
- मुंह में छाले की समस्या
- लंबे समय तक भूख न लगना, इत्यादि।
यदि आपको कब्ज़ है, तो यह आवश्यक नहीं है कि आप ऊपर दिए गए सभी लक्षणों का अनुभव करें। संभव है कि आपको इनमें से कुछ लक्षण दिखें. या फिर आपको इनसे अधिक लक्षण अनुभव हो सकते हैं. ऐसा होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कब्ज से बचाव के लिए क्या करें?
कब्ज से बचाव संभव है। अगर दिनचर्या में बदलाव किया जाए और स्वस्थ जीवनशैली अपनाई जाए तो कब्ज से बचा जा सकता है। कब्ज का मतलब क्या है (What is the meaning of Constipation in Hindi)? इसके कारण क्या हैं आदि जानने के बाद इसके बचाव से जुड़ी बातें भी जानना जरूरी है। जानिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
- आपको खाने में रेशा (फाइबर) युक्त खाना, जिसमे की बीन्स, सब्जियां, फल, साबुत अनाज आदि को शामिल करना चाहिए।
- खाने में उन खाद्य पदार्थों ना अपनाएं, जिनमें ना के बराबर रेशा (फाइबर) हो।
- आपको दूध से बने पदार्थो का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए क्योंकि इनकी अधिक मात्रा के सेवन से कब्ज बदता है।
- खाने में अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- कोशिश करें कि आप रोजाना आधे से 1 घंटे व्यायाम जरूर करें।
- अगर आप अक्सर तनाव में रहते हैं, तो आप तनाव कम करने की कोशिश करिये।
- रोजाना मल त्याग करने के लिए निश्चित समय तय करिये।
- जब भी मल त्याग की इच्छा हो, तो उसे नजरअंदाज न करें।
कब्ज़ के घरेलू उपाय (Home Remedies to Treat Constipation):
मुनक्के का सेवन (Raisin):
- लगभग 8-10 ग्राम मुनक्को रात भर पानी में भीगों कर , सुबह बीज निकाल कर दूध क साथ इसका सेवन करे ।
एरण्ड का तैल (Castor oil ):
- एक से दो चम्मच एरण्ड के तेल को गरम दूध में मिलाकर पीने से कब्ज़ की समस्या में काफी आराम मिलता है ।
पपीता (Papaya) :
- पपीते में विटामिन C और फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है जो हमारे लिवर को डिटॉक्स करता है और कब्ज़ से राहत देता है।
जीरा और अजवाइन (Cumin and celery) :
- जीरे और आजवाइन का सेवन कब्ज़ की समस्याओ लिए फायदेमंद मना जाता है ,इससे पेट साफ होने के साथ एसिडिटी, उल्टी आना, पेट दर्द, पेट में मरोड़ आदि सभी समस्याओं से जल्द राहत मिलती है।
नींबू पानी (Lemon water ) :
- कब्ज होने पर नींबू पानी और साथ नमक का घोल काफी राहत देता है नींबू में पाए जाने वाला साइट्रिक एसिड और नमक में पाया जाने वाला सोडियम क्लोराइड जब एक साथ हमारे शरीर के अंदर जाते हैं तो वह हमारे पेट को साफ करने की क्षमता बढ़ा देते हैं ।
इसबगोल ( Isabgol) :
- इसबगोल कब्ज़ से राहत दिलाने में काफी ज्यादा प्रभावकारी माना जाता है यह एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला फाइबर का स्रोत है जो की हमारी पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलने में काफी ज्यादा प्रभावकारी होता है।
इसबगोल प्रयोग करने का सही तरीका क्या हैं ?
- रात में गरम दूध या गरम पानी के साथ एक से दो चम्मच इसबगोल मिलाकर कर सेवन करने से कब्ज में बहुत ज्यादा राहत मिलाती है।
कब्ज के लिए उपचार के विकल्प (Treatment Options for constipation)
आहार में परिवर्तन (Dietary changes):
- फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और फलियों का सेवन करके फाइबर का सेवन बढ़ाने से मल को नरम करने और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
जलयोजन (Hydration) :
- दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से निर्जलीकरण (dehydration) को रोका जा सकता है और मल को नरम किया जा सकता है, जिससे मल त्याग करने में आसान हो जाता है।
नियमित व्यायाम Regular Exercise:
- नियमित शारीरिक गतिविधि आंतों को उत्तेजित करती है। शारीरिक गतिविधि मल त्याग को बढ़ाती है और समग्र पाचन स्वास्थ्य में सुधार करती है।
जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes) :
- नियमित रूप से शौचालय जाना और शरीर की शौच की प्राकृतिक इच्छा को पूरा करने के लिए समय निकालना, कब्ज को रोकने में मदद करेगा।
- मांस, शराब और फास्ट फूड का सेवन पूरी तरह बंद करके कब्ज से राहत पाई जा सकती है।
ओवर-द-काउंटर ( OTC ) उपचार:
- पेट साफ करने वाले पदार्थ, मल को नरम करने वाले पदार्थ और फाइबर सप्लीमेंट्स, आहार और जीवनशैली में समायोजन करके कब्ज से छुटकारा पाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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